डॉ0 वी0 मुरुगेशन अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड द्वारा पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र श्री करन सिंह नगन्याल, एसएसपी हरिद्वार श्री अजय सिंह एवं अन्य पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में दिनांक 24-02-2023 से मुख्यालय स्तर से प्रचलित अभियान धोखाधड़ी एवं उद्यापन सम्बन्धी अभियोगों के विरुद्ध जनपद पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही की सर्किलवार विस्तृत समीक्षा की गयी।
समीक्षा के दौरान सभी क्षेत्राधिकारियों ने सर्किलवार उनके क्षेत्र में 1 वर्ष से अधिक लंबित विवेचनाओं के संबंध में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को तथ्यात्मक रूप से अवगत कराया। साथ ही अपने-अपने सर्किलों में विवेचना कर रहे उपनिरीक्षकों द्वारा अभियान के दौरान की गयी कार्यवाही की समीक्षा कर उनका विस्तृत ब्यौरा पेश किया।
जिस पर अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड डॉ0 वी0 मुरुगेशन द्वारा कहा गया कि हरिद्वार पुलिस द्वारा अभियान के दौरान अच्छा प्रयास किया गया है लेकिन और बेहतर किया जा सकता है। समस्त क्षेत्राधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि अपने-अपने सर्किल में लंबित पड़ी विवेचनाओं को स्वयं मॉनिटर करें। अपने ऑफिस के मुंशी के सहारे न रहें जिन विवेचकों की परफॉर्मेंस खराब है उनकी रिपोर्ट भेजें और जो अच्छा काम कर रहे हैं उनको प्रोत्साहित करें। पीड़ित को देर में न्याय मिलने से न्याय का कोई महत्व नहीं रहता। पुलिस का काम है कि पीड़ित व्यक्ति को मा0 न्यायालय के माध्यम से न्याय दिलाना जिससे की आमजन का पुलिस पर विश्वास बना रहे।
साथ ही पुलिस अधीक्षक अपराध /नगर /देहात को निर्देशित किया कि पुलिस मुख्यालय या परिक्षेत्रीय स्तर पर जो भी अभियान चलाये जाते हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सभी अधिकारी आपसी समन्वय बनाते हुए अभियान में दिए गए बिंदुओं पर निर्धारित समय के अंदर कार्यवाही करते हुए अभियान को सफल बनाएं। अभियान केवल कागजों में नहीं चलना चाहिए अभियान फील्ड में दिखना भी चाहिए।
जनपद के प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान विवेचना में लापरवाही बरतने पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए कोतवाली रुड़की में लगभग 1 वर्ष से प्रचलित धारा 420 के एक अभियोग में उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह को निलंबित किए जाने एवं कोतवाली ज्वालापुर में तैनात उप निरीक्षक वाजिंदर सिंह की प्रारंभिक जांच खोलने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को निर्देशित किया।
उक्त अभियान के दौरान धोखाधड़ी एवं रंगदारी के 470 अभियोगों में से 273 अभियोगों का निस्तारण किया गया साथ ही 174 अभियुक्तों को 41 सीआरपीसी का नोटिस व 78 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी, 13 अभियुक्तों द्वारा सरेण्ड़र किया गया। शेष 197 अभियोगों में विवेचना प्रचलित है।