प्रथम दृष्ठया मृतक के परिजनों द्वारा दोनों का आत्महत्या करना बताया गया और किसी पर भी कोई शक नहीं जताया गया था, लेकिन फिर भी घटना संदिग्ध प्रतीत होने पर पुलिस द्वारा अपनी जांच जारी रखी गई थी । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृत्यु का कोई स्पष्ट कारण उजागर नही हुआ, घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोभाल एवं पुलिस उपाधीक्षक सदर के निर्देशन में घटना के संबंध में जांच कर मृत्यु के सही कारणों की जानकारी करने के लिए गया था, जिस पर थानाध्यक्ष क्लेमेंट टाउन द्वारा उक्त संबंध में टीम गठित कर लगातार घटनास्थल के आसपास लोगों से जानकारी की जा रही थी तो जानकारी करने पर पता चला कि दिनांक 12/13 जून की रात्रि एक सफेद रंग की कार घटनास्थल पर आती-जाती देखी गई थी, जिस पर घटनास्थल स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो से जानकारी मिली की दिनांक 12/13 जून की रात्रि मैं गाड़ी नंबर UK07DG 4786 घटनास्थल पर आई थी और तुरंत वापस चली गई थी। मृतकों के परिजनों से उक्त वाहन के बारे में जानकारी की गई तो पता चला उक्त वाहन अशवद की है जिसने 13/06/23 को कंट्रोल रूम को घटना के सम्बन्ध में जानकारी दी । जिस पर अशवद से पुलिस ने पूछताछ की तो उसके द्वारा बताया गया कि उसकी कार दिनांक 12 /13 की रात्रि को मृतका अनम का भाई सहवाज लेकर गया था, जब अवशाद ने शहवाज को रात्रि 1:30 बजे लगभग फोन किया तो उसका फोन बंद आ रहा था और फिर वह उसी रात में सुबह 4:00 बजे वापस आ गया था तो मैंने उससे जानकारी की तो उसने बताया मैं छुटमलपुर पार्टी में गया था, मृतकों के परिजनों ने मृतका अनम के भाई शहवाज पर शक जताया गया और एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर बाद जांच दिनांक 21 जून को शहवाज के खिलाफ मु0अ0स0 71/23 धारा 302 IPC के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया । अभियोग में नामजद अभियुक्त शहवाज को पुलिस द्वारा पुछताछ हेतु थाने लाया गया जिससे सख्ती से पुछताछ करने पर उसके द्वारा अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि 10/06/23 की रात्रि में आशीफ व अपनी बहन अनम की हत्या अपनी बहन के पति से रंजिश के चलते अंजाम दिया गया
अभिय़ुक्त की निशानदेही पर पुलिस द्वारा घटना के समय अभियुक्त द्वारा पहने गये खून लगे कपड़े आशारोड़ी के जंगल से बरामद किये।
देहरादून में हुए इस डबल मर्डर का खुलासा करने पर पुलिस अधीक्षक देहरादून ने टीम को रूपये 10,000/- इनाम देने की घोषणा की