दिल्ली से देहरादून जाने वालों के लिए आई है एक बड़ी खुशखबरी। दिल्ली से देहरादून जाने में अब लगेंगे सिर्फ दो से ढ़ाई घंटे लगेंगे। दिल्ली से देहरादून के बीच 212 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के समय की घोषणा हो गई है…
दिल्ली से देहरादून के बीच बनाए जा रहे 212 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के समय की घोषणा हो गई है। केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का काम इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। इस एक्सप्रेस वे का 60 से 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 6 लेन के बन रहे इस एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की कुल लागत 12 हजार करोड़ रुपये है। दिल्ली-सहारनपुर रोड से होते हुए देहरादून जाने में अभी 6 से 7 घंटे का लग जाता है समय ।
केंद्र की तरफ से बताया गया है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा। जिसके बाद दिल्ली से देहरादून का सफर दो घंटों में जबकि दिल्ली से हरिद्वार सिर्फ 90 मिनट में हो सकेगा। एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को चार हिस्सों में बांटा गया है। इसे दिल्ली में अक्षरधाम के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (डीएमई) के शुरुआती प्वाइंट से शास्त्री पार्क, खजूरी खास, बागपत, शामली, सहारनपुर से उत्तराखंड में देहरादून तक बनाया जा रहा है।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में कई विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिसमें गणेशपुर से देहरादून तक का मार्ग वन्यजीवों के लिए सुरक्षित किया गया है। इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में 12 किलोमीटर की एलिवेटेड सड़क, छह पशु अंडरपास, दो हाथी अंडरपास, दो बड़े पुल तथा 13 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है। एलिवेटेड सड़क गणेशपुर से देहरादून के बीच बनाई गई है। एक्सप्रेस वे के पूरा होने पर दिल्ली से देहरादून के बीच की मौजूदा दूरी 235 किलोमीटर से घटकर महज़ 212 किलोमीटर रह जाएगी।
पूरे एक्सप्रेसवे में कुल 113 वाहन अंडर पास, लाइट व्हीक्युलर अंडर पास, छोटे वाहन अंडरपास, 5 रेलवे ओवर ब्रिज, 4 बड़े पुल और 62 बस शेल्टर बनाए गए हैं। साथ ही 76 किमी सर्विस रोड, 29 किमी एलिवेटेड रोड के अलावा 16 एंट्री-एग्जिट पॉइंट भी बनाए जा रहे हैं। डाट-काली मंदिर, देहरादून के समक्ष 1,995 करोड़ रुपये की लागत से 340 मीटर लंबी, 3 लेन वाली सुरंग भी बनाई गई है।
पहले चरण में, अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे क्रॉसिंग तक की लंबाई 31.6 किमी है। इसमें 18 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड हैं। सफर में आसानी सुनिश्चित करने के लिए इसमें तीन एलिवेटेड सेक्शन और चार ओवरब्रिज होंगे। एक्सप्रेसवे दिल्ली-देहरादून-सहारनपुर कॉरिडोर के साथ-साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। इससे उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।