कम्बाइंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च कुंआवाला देहरादून में आज नर्सिंग विभाग के छात्र-छात्राओं हेतु लैंप लाइटिंग और समर्पण शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश के लिए शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड नर्सेज एंड मिडवाइव्ज काउंसिल की रजिस्ट्रार डा० मनीषा ध्यानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रही उन्होंने छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि चिकित्सक को सबसे ज्यादा सहयोग नर्स का होता है। नर्स के सहयोग के बिना मरीज का पूर्ण इलाज नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यदि हम मरीजों की सेवा दिल से नहीं कर सकते हैं, तो हमें इस व्यवसाय में नहीं आना चाहिए। यह पैसे कमाने की जगह नहीं है। यहां किसी का जीवन आपकी देखरेख पर निर्भर करता है। क्योंकि इसमें वे पैसे के साथ मरीजों की दुआएं भी पाती हैं। हमें मरीजों से मृदुल व्यवहार करना चाहिए और इलाज के दौरान सहन-शक्ति बनाए रखनी चाहिए। मरीज को सिर्फ मरीज समझकर अपने परिवार का सदस्य समझना चाहिए।
वहीं संस्थान के चेयरमैन एडवोकेट ललित जोशी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह शपथ नर्सिंग पेशे की पवित्र प्रकृति और नर्सों का उनके रोगियों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की निरंतर याद दिलाने का काम करती है। तनाव और थकान के समय में, प्रतिज्ञा प्रेरणा के स्रोत के रूप में काम कर सकती है, उस जुनून और उद्देश्य की भावना को फिर से जागृत कर सकती है जिसने व्यक्तियों को सबसे पहले नर्सिंग की ओर आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि मानव सेवा ही सच्ची सेवा है।
संस्थान के मैनेजिंग डॉयरेक्टर संजय जोशी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने नर्सों के पेशे को एक सम्मानित सेवा का पेशा बनाया। लैंप लाईटिंग सेरेमनी उसी याद में आयोजित की जाती है। यह हमें अंधेरे से उजाले की तरफ ले जाती है।
कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. सुमन वशिष्ठ ने कहा कि नर्स की प्रतिज्ञा दयालु, रोगी-केंद्रित देखभाल प्रदान करने के लिए नर्स की प्रतिबद्धता की एक कालातीत अभिव्यक्ति है। यह उन मूलभूत मूल्यों को दर्शाता है जो नर्सिंग पेशे को रेखांकित करते हैं और आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल की जटिलताओं से निपटने में नर्सों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं।