’भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में 75 रेगुलर कोर्स (65 एनडीए), एसीसी और अन्य के 150 अधिकारी, 1984 में सशस्त्र बलों में शामिल होने के 40 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में फिर से एकजुट हुए। 15-16 दिसंबर, 2024 को आयोजित इस कार्यक्रम में इन अफसरों ने अकादमी में बने सौहार्द, नेतृत्व और सेवा के स्थायी बंधन को फिर से जीवंत किया ।
इस पुनर्मिलन की शुरुआत आईएमए युद्ध स्मारक पर एक भव्य पुष्पांजलि समारोह के साथ हुई, जहां अधिकारियों ने अपने उन साथियों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने विभिन्न अभियानों के दौरान कर्तव्य में सर्वोच्च बलिदान दिया है। श्रद्धांजलि का यह समारोह तीनों सेनाओं के बहादुर अधिकारियों के प्रति अटूट एकजुटता और सम्मान को दर्शाता है।
आईएमए में अपने प्रारंभिक वर्षों को याद करते हुए, अधिकारियों ने अपनी मातृसंस्था को फिर से देखने के लिए देश भर से यात्रा की, जिसने उनमें नेतृत्व, अनुशासन और देशभक्ति के बेहतरीन गुण पैदा किए। 75 रेगुलर कोर्स की एक विशिष्ट विरासत है, इसके सदस्यों ने अपने करियर में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें बहादुरी और अनुकरणीय सेवा के लिए कई सम्मान और पुरस्कार शामिल हैं। विशेष रूप से, इस पाठ्यक्रम से चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) और चीफ ऑफ एयर स्टाफ (सीएएस) जैसे प्रतिष्ठित पदों पर भी प्रतिष्ठित हुए हे । वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी व वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी इसी कोर्स से हें ।
हालाँकि इनमें से अधिकांश अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, परंतु राष्ट्र निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है जो देश की प्रगति और सुरक्षा के प्रति उनकी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पुनर्मिलन न केवल पिछली उपलब्धियों का जश्न था, बल्कि भारतीय सैन्य अकादमी के प्रति कृतज्ञता भी थी, जिसके कठोर प्रशिक्षण और मूल्यों ने इन अधिकारियों को उल्लेखनीय क्षमता वाले सैनिकों में बदल दिया।