गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट कल 10 मई को अक्षय तृतीया के दिन से खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं का जमावड़ा भी लगना शुरू हो चुका है, पर इस बार की यात्रा में एक विचित्र चीज़ यह देखने को मिल रही है की यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ से ज़्यादा घोड़े खच्छरों की भीड़ यात्रा मार्ग पर नज़र आ रही है। यात्रा के लिए पंजीकृत घोड़े खच्चरो की संख्या 8000 है, पर घोड़ा खच्छर यूनियन के अध्यक्ष गोविन्द सिंह रावत के अनुसार यहाँ पर वर्तमान में 18000 से अधिक घोड़े खच्छर यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं।
घोड़े खच्चरो की रजिस्ट्रेशन की प्रक्रियात करीबन यात्रा शुरू होने से तकरीबन एक माह पूर्व ही शुरू हो गयी थी जिसमें रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के घोड़ा खच्छर संचालको ने रजिस्ट्रेशन करवाए हैं पर अध्यक्ष गोविन्द सिंह रावत ने बताया यहाँ राज्य के अन्य जिलों और यहाँ तक की उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, नजीबाबाद और बिजनौर जिले के लगभग 10000 घोड़ा खच्छर संचालक भी यात्रा में अपने घोड़े खच्चरो का बिना रजिस्ट्रेशन संचालन कर रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि यात्रा में बिना रजिस्ट्रेशन घोड़े खच्चरो के संचालन की अनुमति किसने दी, यह जांच का विषय है।