लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिंद्र कुमार, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम**, वीएसएम, जीओसी-इन-सी उत्तरी कमान ने आज उधमपुर के रेजांगला हॉल में रक्षा संवाददाता कोर्स (डीसीसी-2024) के 34 अखिल भारतीय पत्रकारों को सम्मानित किया। पाठ्यक्रम का आयोजन रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क निदेशालय द्वारा किया गया था।
लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव, पीआरओ देहरादून के नेतृत्व में डीसीसी-2024, 19 अगस्त 2024 को कारवार (मुंबई) एकत्रित हुआ। पाठ्यक्रम के प्रतिभागी कारवार (मुंबई) में नौसेना मॉड्यूल और सुलूर (तमिलनाडु) में वायु सेना मॉड्यूल से गुजरने के बाद 01 सितंबर 2024 को जम्मू पहुंचे।
सेना चरण की शुरुआत रत्नुचक सैन्य स्टेशन के दौरे से हुई, जहाँ उन्होंने बख्तरबंद उपकरणों, प्रशिक्षण गतिविधियों, बाधा पार करने के अभ्यास और युद्ध क्षेत्र की भावना प्राप्त करने के लिए टैंक की सवारी करके जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने टाइगर डिवीजन द्वारा आर्टिलरी उपकरणों का प्रदर्शन देखा।
डीसीसी के पत्रकारों को पुंछ-राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलसी) पर घुसपैठ रोधी बाधा प्रणाली (एआईओएस) देखने का मौका दिया गया। उन्हें राजौरी के झांगर और बिमबर गली में नियंत्रण रेखा के साथ आगे के क्षेत्रों में ले जाया गया और क्षेत्र तथा नियंत्रण रेखा की जनसंख्या के बारे में जानकारी दी गई।
पाइनवुड स्कूल, हमीरपुर के अपने दौरे के दौरान उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की। कोर्स के दौरान सैनिकों के उन्मुखीकरण प्रशिक्षण को देखने के लिए कोर बैटल स्कूल, सरोल का भी दौरा किया गया और इस दौरान भारतीय सेना के सैनिकों के साथ बातचीत की गई। पत्रकारों के ऐसे दूरदराज के स्थानों पर जाने से उन्हें भारतीय सेना और आवाम द्वारा सीमाओं और जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में सामना की जाने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों को समझने में मदद मिली।
समारोह के समापन के दौरान, लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव, पीआरओ देहरादून और नोडल अधिकारी ने पाठ्यक्रम रिपोर्ट प्रस्तुत की, नामित प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और सेना कमांडर ने प्रतिभागियों को कोर्स पूरा होने के प्रमाण पत्र प्रदान किए और रक्षा मामलों पर सकारात्मक और तथ्यात्मक रिपोर्टिंग पर जोर दिया।
अपने संबोधन में, जीओसी-इन-सी ने उभरते रक्षा पत्रकारों को ऑपरेशनों और बहादुर जवानों पर रिपोर्ट करने की समझदारी पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में रक्षा गतिविधियों पर रिपोर्ट करते समय राष्ट्रीय सुरक्षा पहलुओं पर भी जोर दिया। जीओसी-इन-सी ने राष्ट्र निर्माण में पत्रकारों की भूमिका पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “इस कोर्स का उद्देश्य देश भर के पत्रकारों को सशस्त्र बलों के तीनों अंगों की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देना है।
अंत में, जनसंपर्क निदेशालय, रक्षा मंत्रालय की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने आभार के प्रतीक के रूप में जीओसी-इन-सी को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया।