वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स आयुष अग्रवाल द्वारा इस अभियोग के शीघ्र अनावरण व राष्ट्रीय सुरक्षा हित में एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक चन्द्र मोहन सिंह के निर्देशन में दो टीमों का गठन किया गया जिसमें एक टीम तकनीकी विश्लेषण का दायित्व सौंपा गया और तकनीकी तौर पर विश्लेषण कर जानकारी एकत्रित की गई, तथा दूसरी टीम में साइबर थाने में नियुक्त निरीक्षक विकास भारद्वाज को उक्त अभियोग के सफल अनावरण हेतु विवेचना सुपुर्द की गयी, जिनके सहायतार्थ तकनीकी टीम को नियुक्त किया गया।
भौतिकी व तकनीकी विश्लेषण से जानकारी प्राप्त हुई कि संदिग्ध व्यक्ति का नाम नितिन शर्मा पुत्र सुरेन्द्र शर्मा है जो दिल्ली का निवासी है, पर उसने अपना धर्म परिवर्तन कर खालिद नाम से पहचाना जाता है व आन्ध्रप्रदेश में रहता है। इससे पूर्व भी उक्त संदिग्ध व्यक्ति द्वारा 04 अक्टूबर 2022 को नैनीताल कन्ट्रोल रुम को इस प्रकार की भ्रामक सूचना जिसमें नैनीताल के विभिन्न स्थानों में बम बलास्ट होने की सूचना दी गयी थी।
जिस पर एस टी एफ की एक टीम आँध्रप्रदेश रवाना की गई, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून का यह अब तक का जटिल व तकनीकी प्रकरण सामने आया है, जिसमें साइबर टीम और एस टी एफ द्वारा कई चुनौतियों का सामना करते हुए 20 दिन विजयवाड़ा व आन्ध्रप्रदेश के विभिन्न जनपदों में जाकर दर्जनों सीसीटीवी खंगाल कर महत्तवपूर्ण जानकारी प्राप्त कर उक्त व्यक्ति की तलाश की गयी । जहाँ पर मुखबिरों की सहायता भी ली गई और उत्तराखंड STF ने अभियुक्त नितिन शर्मा उर्फ़ खालिद पुत्र स्व0 सुरेन्द्र शर्मा निवासी 481/2बी मन्दिर मार्ग बलजीत नगर थाना पटेलनगर नई दिल्ली को आँध्रप्रदेश से गिरफ्तार कर लिया
उक्त प्रकरण में अभियुक्त गम्भीरता से पूछताछ की जा रही है। अभियुक्त के पास से आधार कार्ड, ड्राईविंग लाइसेन्स और वोटर आईडी कार्ड बरामद हुआ है तथा पूछताछ में पता चला है कि अभियुक्त को उसके परिवार वालों ने घर से निकाल दिया गया था तथा वर्तमान में अभियुक्त अकेले रह रहा था
प्रभारी एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन कम्पनी की फ्रैन्चाईजी को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें । इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है। जिसको वर्तमान समय तक काफी लोगो द्वारा देख कर शेयर किया गया है।