खेल मंत्री रेखा आर्या ने साथ ही कहा कि पूर्व में पीआरडी जवानों व पीआरडी की गर्भवती महिला जवानों को किसी भी प्रकार का अवकाश देने की व्यवस्था एक्ट में नही थी लेकिन एक्ट लागू हो जाने के पश्चयात अब पीआरडी जवानों को अवकाश दिया जाएगा साथ ही ऐसी महिलाएं जो गर्भवती है उन्हें मातृत्व अवकाश इस एक्ट के लागू होने के पश्चयात प्रदान किया जाएगा जो कि एक मानवीय पहलू है और हमने मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए अपने जवानों के लिए इस व्यवस्था को लागू किया है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने पीआरडी जवानों की आयु सीमा पर जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में प्रान्तीय रक्षक दल में पंजीकरण हेतु आयु 18 से 45 वर्ष निर्धारित थी तथा स्वयंसेवक 50 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकता था, जिसे वर्तमान में 18 से 42 वर्ष किया जा रहा है तथा हमारे जवानों को 60 वर्ष की आयु तक कार्य करने के अवसर प्राप्त होंगे।
वही अब उत्तराखंड पीआरडी एक्ट लागू हो जाने के पश्चयात शान्ति सुरक्षा कार्यो में पुलिस सहयोग हेतु तैनात किये जाने वाले स्वयंसेवकों को वही सुरक्षा प्राप्त होगी, जो पुलिस को प्राप्त होती है। खेल मंत्री ने कहा कि पीआरडी जवान कई बार शांति व्यवस्था,सुरक्षा,चारधाम यात्रा,कावंड़ यात्रा ,यातायात व्यवस्था सहित कई ऐसे कार्यो को संपादित करते है जो पुलिस के जवान भी करते है किंतु पूर्व में पीआरडी स्वयंसेवकों को वह सुविधाएं उपलब्ध नही हो पाती थी जो पुलिसकर्मियों को मिलती है,ऐसे में अब इस एक्ट के बन जाने के बाद उन्हें भी वही सब सुविधाएं मिलेंगी जो पुलिस जवानों को मिलती है।खेल एवम युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने पीआरडी एक्ट में संसोधन पारित होने पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि निश्चित ही एक्ट के बन जाने से हमारे पीआरडी जवानों को काफी सहूलियत मिलेगी।