सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज मल्टीपरपज होम, विजयपुर हाथीबड़कला नयांगाँव में आल इण्डिया गोरखा एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन (एग्युवा) के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। 76वाँ वार्षिक सम्मेलन में देश के कई राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय सहित कई राज्यों के आल इण्डिया गोरखा एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन के डेलीगेट्स भी पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का स्वागत एवं अभिनंदन भी किया।
इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ऑल इंडिया गोरखा एक्स सर्विस मैन वेलफेयर एसोसिएशन में अपनी विधायक निधि द्वारा टिन शैड एवं टाईल्स निर्माण कार्य का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सम्मलेन में विभिन्न राज्यों से पहुंचे पूर्व सैनिको के डेलीगेट्स का उत्तराखंड आगमन पर स्वागत करते हुए उन्होंने एसोसिएशन के 76वाँ वार्षिक सम्मेलन की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि ऐग्वा की स्थापना वर्ष 1950 में हुई। पिछले 74 वर्षों में एसोसियेशन ने गोरखा एक्स सर्विसमैन के वेलफेयर में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में गोर्खाली समाज का बड़ा अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि इस समाज ने मुझे बहुत प्यार और स्नेह दिया है। उन्होंने कहा कि गोरखा समाज का मातृभूमि की रक्षा में महत्त्वपूर्ण योगदान है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि गोरखा रेजिमेंट के जवानों ने हर युद्ध में हर मोर्चे पर अपनी बहादुरी का परिचय दिया।उन्होंने कहा क गोरखा समाज सीमाओं की रक्षा के साथ राज्य के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और उनके विकास व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस दौरान सम्मलेन में पहुंचे डेलीगेट्स ने प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की जमकर सराहना भी की। इस अवसर पर सम्मलेन में 26/11 मुम्बई आतंकी हमले में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों के लिए दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। कार्यक्रम से पूर्व अतिथियों द्वारा संविधान निर्माण समिति के सदस्य रहे अरि बहादुर गुरुंग को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
आल इण्डिया गोरखा एक्स सर्भिसमेन्स वेलफेयर एसोसिएशन (एग्युवा) देहरादून मात्र एक ऐसा संगठन है जिसे भारत सरकार रक्षा मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है। भारत में विस्थापित सम्पूर्ण गोरखा समाज का इस संगठन की स्थापना 26 नवम्बर 1950 में रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में भारतीय गोर्खा एक्स सर्भिसमेन्स के उत्थान के लिए किया गया था। यह संगठन 72 वर्षों से हजारों गोर्खा भूतपूर्व सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए भारत के विभिन्न राज्यों में कार्य कर रही है। इस संगठन के सर्वप्रथम अध्यक्ष स्वतंत्र भारत के प्रथम लोक सभा में गोरखा समाज का प्रथम लोक सभा सासंद श्री अड़ी बहादूर गुरूंग, निर्वाचित हुए थे।
संगठन का मूल उद्देश्य सम्पूर्ण भारतीय गोर्खा पूर्व सैनिकों, उनके बच्चों, विधवाओं व उनके आश्रितों को आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक क्षेत्र में उत्थान कराने के लिए आर्थिक सहायता देकर उन्हें इतने योग्य बनाना है कि वह अपने भविष्य स्वयं बना सके। दरसल एग्युवा अपने संबद्ध शाखाओं के बीच एक सलाहकार या परामर्शदाता मात्र न होकर प्रान्त प्रान्त के गोर्खा भूतपूर्व सैनिकों के संगठनो व केन्द्रिय सैनिक बोर्ड, रक्षा मंत्रालय के बीच एक सेतु का कार्य भी करती है। भारत में भूतपूर्व सैनिकों कि संगठनों में एग्युवा मात्र पहला संगठन है जो प्रारम्भिक काल में वर्ल्ड वेटरन्स फेडरेशन का सदस्य भी रह चुका है। यह वर्ल्ड वेटरन्स फेडरेशन एक गैर सरकारी संगठन (NGO) है। जो दूसरे विश्व युद्ध के समापन के दौरान संगठित हुआ था।