ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने बुधवार को देहरादून सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढवाली सभागार में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत राज्य रोजगार गारन्टी परिषद की समीक्षा बैठक की। बैठक में विभिन्न जिलों से आए उत्तराखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद के नामित सदस्यों द्वारा महात्मा गांधी नरेगा को राज्य के अंतर्गत अधिक बढ़ावा दिए जाने हेतु ब्लॉक स्तर पर स्टॉफ, कंप्यूटर ऑपरेटर, जे.ई की नियुक्ति, ग्राम स्तरों पर मनरेगा के तहत स्वच्छता कार्यों के अंशदान को बढ़ाए जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ाए जाने, प्रत्येक पंचायत के मनरेगा के तहत विकास कार्य का टारगेट फिक्स किए जाने, निर्माण सामग्री में मिलने वाले अंशदान को बढ़ावा दिए जाने जैसे विभिन्न बिंदुओं पर कार्य किए जाने की बात कही। जिस पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा तहत कार्यों को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार का मनरेगा में पंजीकृत ग्रामीण परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन के अकुशल रोजगार की गारंटी देना ही प्राथमिकता है। निर्धनों के आजीविका संसाधनों के आधार को सुदृढ़ करने पर सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा अन्य विभागों के साथ परस्पर समन्वय बनाकर मनरेगा को और अधिक बढ़ावा देने पर कार्य किया जा रहा है। जल संरक्षण एवं जलसंवर्धन संबंधित कार्य, लघु सिंचाई संबंधित कार्य, अमृत सरोवर का निर्माण, जलागम प्रबंधन, भूमि उत्पादक में सुधार, मत्स्य पालन, बंजर भूमि का विकास, पशुबाड़ा निर्माण, कृषि उत्पादकों में वृद्धि, स्वयं सहायता समूह के आजीविका क्रियाकलापों हेतु वर्कशेड का निर्माण, ग्रामीण स्वच्छता संबंधित कार्य, ग्रामीण हाट, खाद्य भंडार गृह जैसे कार्य मनरेगा के अंतर्गत लगातार किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कृषि एवं संबंधित गतिविधियां, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन संबंधित कार्य एवं व्यक्तिगत लाभ के कार्यों को भी शीघ्रता से बढ़ावा दिया जा रहा है। मनरेगा के तहत व्यक्तिगत लाभ की श्रेणी में कार्य प्रतिशत बढ़ाए जाने हेतु लखपति दीदी सर्वे के आधार पर ऐसी स्वयं सहायता सदस्यों को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाए। जो कम प्रयासों से लखपति बन सकती हैं एवं प्रत्येक गांव में चरणबद्ध रूप से स्वयं सहायता समूहों के लिए वर्क शेड, कार्यालय एवं ग्रामीण विपणन केंद्र की स्थापना की जाए। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आधार आधारित भुगतान प्रक्रिया (ABPS) में श्रमिकों के आधार और बैंक खातों की शत प्रतिशत सीडिंग और मैपिंग किया जाए जिससे कि श्रमिकों को भुगतान के समय परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) के अंतर्गत मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रत्येक कार्य में श्रमिक की दो बार (चार घंटे के अंतराल पर) उपस्थिति दर्ज की जाती है। ऐसे स्थान जहां की इंटरनेट नेटवर्क नहीं है वहां पर उपस्थिति हेतु दूसरी नियमों पर विचार किया जाए ताकि श्रमिकों को किसी तरह की परेशानी ना हो।
उन्होंने कहा उपस्थिति दर्ज कराने के सरलीकरण हेतु अति शीघ्र राज्य सरकार के स्तर से केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा कार्य पूर्ति दर बढ़ाये जाने के उद्देश्य से एक समय में किसी ग्राम पंचायत में केवल 20 कार्य किये जाने की व्यवस्था लागु की गयी है, नया काम तभी खुलेगा जब प्रचलित 20 कार्यों में कोई बंद होगा। सामग्री अंश की राशि भुगतान में देर होने के कारण कहीं कहीं इस व्यवस्था से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्याओं हेतु राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से पत्राचार किया जाए एवं संबंधित समस्याओं का तत्वधान से निस्तारण हो। अनुदान भुगतान की प्रक्रिया के सरलीकरण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी मंत्री ने दिये। उन्होंने कहा 3 साल में होने वाले सोशल ऑडिट से कई परेशानियों आ रही हैं, अब सोशल ऑडिट की अवधि 3 साल से घटाकर 1 वर्ष किया जाएगा। मनरेगा कार्य की मॉनिटरिंग प्रत्येक स्तर पर हो इस पर भी जोर दिया जा रहा है। मनरेगा में श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी बढ़ाई जाए इसके लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा। मनरेगा श्रमिकों को ईपीएफओ से जोड़ा जाए इस पर शीघ्र कार्य होगा। राज्य रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक प्रत्येक 6 माह के अंतराल पर होगी। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व एवं निर्देश अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीणों की समस्याओं का शीघ्र समाधान हो एवं प्रत्येक नीति सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़े।