घटना में फरार चल रहे अभियुक्त सचिन की गिरफ्तारी के बाद मुख्य अभियुक्त फौजी का नाम आया था सामने
प्रापर्टी में हिस्सेदारी को लेकर हुये विवाद में मृतक द्वारा फौजी को मारने की अर्जुन को दी थी सुपारी
इस बात की जानकारी होने पर फौजी द्वारा अभियुक्त अर्जुन को मोटी धनराशि देने का लालच देकर मंजेश की करवायी हत्या।
घटना में शामिल 02 अभियुक्तो को पुलिस द्वारा पूर्व में देहरादून तथा हरियाणा से किया था गिरफ्तार
घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी देहरादून द्वारा 10 हज़ार ₹ के पुरस्कार से पुरुस्कृत करने की करी घोषणा
रविवार 30 नवंबर की सुबह थाना पटेल नगर को सूचना मिली थी कि यमुनोत्री विहार फेस 2 चंद्रबनी में एक किराए के मकान पर एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हुई है। पर पुलिस अधीक्षक नगर, क्षेत्राधिकार सदर व प्रभारी निरीक्षक पटेलनगर तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे। घटनास्थल का निरीक्षण करने पर मकान में एक व्यक्ति मृत अवस्था में पड़ा मिला, प्रथम दृष्टया उक्त व्यक्ति की गला घोंटकर हत्या करना प्रकाश मे आया। मृत व्यक्ति की पहचान मंजेश कुमार उम्र 42 वर्ष पुत्र सुरेंद्र कुमार निवासी गांजा माजरा खेड़ी जिला हरिद्वार के रूप में हुई। उक्त मकान के मालिक प्रदीप कुमार बौडीयाल से पूछताछ मे पता चला कि उनके द्वारा विगत दो माह से अपने मकान के ऊपर एक कमरा सचिन पुत्र नरेश कुमार निवासी भगवानपुर हरिद्वार को किराये पर दिया था तथा उक्त कमरे मे उसके एक साथी अर्जुन का भी आना जाना था।
मकान मालिक ने बताया कि 29 नवंबर की रात्रि मे उक्त कमरे मे सचिन व अर्जुन के साथ मृतक मंजेश भी रुका था तथा घटना के बाद से ही सचिन और अर्जुन अपने कमरे से फरार थे, जिनके फोन नम्बर बन्द है। पुलिस द्वारा मृतक के परिजनों से सम्पर्क कर उनको मौके पर बुलाया गया तथा प्रारम्भिक पूछताछ मे पता चला कि मृतक प्रोपर्टी का काम करता था तथा अर्जुन मृतक के साथ काफी समय से काम कर रहा था।
घटना के सम्बन्ध मे मृतक मंजेश के भाई सचिन कुमार द्वारा अर्जुन व सचिन द्वारा उसके भाई मंजेश की हत्या करने के संबंध में दी गयी तहरीर के आधार पर थाना पटेलनगर पर सचिन व अर्जुन उपरोक्त के विरुद्व हत्या का अभियोग पंजीकृत किया गया है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देशों पर थाना पटेलनगर व SOG देहरादून की अलग-अलग टीमो का गठन कर अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु संभावित स्थानों को रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये घटना के 24 घण्टे के भीतर घटना में शामिल अभियुक्त सचिन को आशारोड़ी के पास से गिरफ्तार किया गया घटना में फरार चल रहे अभियुक्त अर्जुन की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम द्वारा सर्विलांस व मुखविरों की सहायता से सुरागरसी की गई तो टीम को जानकारी मिली कि घटना के बाद अभियुक्त पकड़े जाने के डर से हरियाणा भाग गया है, जहां गिरफ्तारी से बचने के लिए वह कोर्ट मे सरेंडर होने की फिराक में है।
जिस पर तत्काल एक टीम को हरियाणा रवाना किया गया जहां टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर घटना मे फरार चल रहे अभियुक्त अर्जुन पुत्र बलवान निवासी ग्राम – बिजोली, सोनीपत हरियाणा को झझर कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया गया। जिससे पूछताछ में उसके द्वारा प्रापर्टी डिलिंग में मंजेश के पार्टनर संजय उर्फ फौजी के कहने पर अपने साथी अर्जुन के साथ मिलकर मंजेश की गला घोट का हत्या किया जाना स्वीकार किया गया। साथ ही घटना के बाद मृतक मंजेश के गले की चेन तथा अंगूठी को अपने एक साथी अफजल के पास छोड़ने की जानकारी दी जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त से पूछताछ के आधार पर प्रकाश में आये घटना के मास्टरमाइण्ड अभियुक्त संजय उर्फ फौजी तथा अफजाल को आज गिरफ्तार किया गया। अफजाल के पास से मृतक की चेन तथा अंगूठी तथा संजय उर्फ फौजी से मृतक की कार की चाबी बरामद हुयी।
पूछताछ मे अभियुक्त अर्जुन द्वारा बताया गया कि वह मंजेश के साथ प्रापर्टी डिलिंग का काम करता था। मंजेश तथा संजय उर्फ फौजी आपस में पार्टनर थे, फौजी द्वारा राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा तथा झाझरा हाइवे में जमीन प्लॉटिंग के लिये उठायी गयी थी जिसमें मंजेश उससे आधी हिस्सेदारी मांग रहा था। इसी बाद को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था, मंजेश द्वारा अभियुक्त अर्जुन को संजय उर्फ फौजी को मारने की सुपारी दी तथा उसके एवज में उसे अच्छा पैसा देने की बात कही गयी। मंजेश के आपराधिक प्रवृत्ति का होने के कारण अभियुक्त अर्जुन द्वारा इस काम से इनकार कर दिया तथा उक्त बात को संजय उर्फ फौजी को बता दिया।
संजय ने अभियुक्त अजुर्न को बताया गया कि उसके द्वारा राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा तथा झाझरा हाइवे में जो जमीन उठायी गयी है यदि उसकी डील हो जाती है तो उसे 80-90 करोड़ का फायदा होगा, जिसमें से मंजेश आधा हिस्सा मांग रहा है यदि अर्जुन मंजेश की हत्या कर दे तो वह उसे उसके एवज में 10 करोड़ रूपये देगा।
जिस पर अभियुक्त तैयार हो गया तथा उसके द्वारा अपने एक अन्य साथी सचिन को घटना में शामिल कर लिया। अभियुक्त द्वारा सचिन को बताया गया था कि मंजेश के खाते में 38 लाख रूपये है तथा उसके मोबाइल के पिन की अभियुक्त को जानकारी है यदि उनके द्वारा मंजेश की हत्या कर दी जाए तो वह उक्त पैसे को उसके खाते से निकाल सकते है। इसके लिये उन्होने मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाने तथा वहां उसकी हत्या करने की योजना बनायी। घटना से एक दिन पूर्व संजय उर्फ फौजी दोनों से मिला था तथा उसके द्वारा उन्हें खर्चे के लिये 10 हजार रूपये दिये थे तथा अगले दिन कुछ पैसों के पेमेन्ट करने की बाद कहीं गयी थी। घटना की शाम को दोनों अभियुक्त दुबारा संजय उर्फ फोजी से मिले, जहां संजय द्वारा 2-4 दिन में जमीन का पेमेन्ट आने तथा उन्हें पूरा पेमेन्ट एक साथ करने की बात कही गयी, जिस पर अभियुक्त अर्जुन राजी हो गया तथा उसके द्वारा रात्रि में मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाया, जहां मंजेश को शराब पिलाने के बाद दोनों अभियुक्तों सचिन तथा अर्जुन द्वारा गला घोटकर उसकी हत्या कर दी।
घटना के बाद दोनों अभियुक्त मृतक के शव को ठिकाने लगाना चाहते थे पर दोनों में से किसी को गाड़ी चलाना न आने के कारण अर्जुन के द्वारा अपने एक साथी शुभम को घटना के सम्बन्ध में बताते हुये शव को ठिकाने लगाने की बात बतायी पर उसने इनकार कर दिया। घटना के बाद अभियुक्त अर्जुन द्वारा मृतक मंजेश के गले से चेन, अंगूठी तथा गाड़ी की चाबी अपने पास रख ली, सुबह के समय दोनों अभियुक्त मृतक के शव को ठिकाने लगाने की योजना बना रहे थे कि अचानक पुलिस के आने पर दोनों अभियुक्त घबराकर छत से नीचे कूदकर फरार हो गये।
घटना के बाद अभियुक्त अर्जुन संजय उर्फ फौजी से मिला तथा उसे घटना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये मृतक की गाड़ी की चाबी उसे दे दी, जिस पर संजय उर्फ फौजी द्वारा अभियुक्त को 50 हजार रूपये देते हुये अपनी गाड़ी से ग्राफिक ऐरा हॉस्पिटल झाझरा के पास छोड़ा जहां से अभियुक्त अपने साथी अफजल के कमरे में गया तथा एक दिन वहां रूकने के बाद घटना की जानकारी अपने दोस्त अफजल को देते हुये मृतक मंजेश की चैन तथा अंगूठी को उसके पास रखकर वहां से हरियाणा चला गया। इस दौरान अपने साथी सचिन की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर अभियुक्त द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिये सोनीपत कोर्ट में सरेण्डर करने की योजना बनायी पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त को सरेण्डर करने से पूर्व कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया।