जनसुनवाई में प्राप्त हुई शिकायतों में शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत की गई कि ग्रीष्मकाल में वन गुज्जर अपने मवेशी के साथ बावर प्रवास के लिए वन विभाग से परमिट बनाते है। किंतु कुछ ही लोग शीतकाल में वापस आते हैं, कुछ वहा रहकर सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर रहे है। उन्होंने ऐसे लोगों का नियमित सत्यापन कराने की मांग की। जिस पर मा0 मंत्री ने कार्यवाही हेतु रेखीय विभाग को निर्देशित किया। शिक्षा विभाग से सम्बन्धित शिकायत में शिकायतकर्ता द्वारा विद्यालय में छात्रों की संख्या के आधार पर निर्धारित अनुपात में शिक्षक की तैनाती की मांग की। जिस पर माननीय मंत्री ने मुख्य विकास अधिकारी को समन्वय करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
वही वन प्रभाग चकराता का कार्यालय कालसी स्थानान्तरण की शिकायत पर माननीय मंत्री ने प्रभागीय वनाधिकारी को सप्ताह में दो दिन कार्यालय कालसी से संचालित करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार स्वीकृत सड़कों पर त्वरित टैण्डरिंग प्रक्रिया करवाने की शिकायत पर सम्बन्धित विभाग को तेजी से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। भूमि सीमांकन किये जाने की शिकायतों पर राजस्व विभाग को संज्ञान लेते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
मंत्री ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनसुनवाई में जनमानस द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन/शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जनसुनवाई में प्राप्त हो रही शिकायतों को 15 दिन के भीतर निस्तारित करते हुए संबंधित शिकायतकर्ता को कृत कार्यवाही से अवगत करा दिया जाए। साथ ही कहा कि जिन शिकायतों में प्रस्ताव किए जाने हो तथा समय लग रहा हो उनकी सूचना से भी संबंधित को अवगत करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप अंतिम छोर तक के व्यक्ति तक विकास/जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। वन भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतों पर मा0 मंत्री जी द्वारा रेखीय विभागों के अधिकारियों को आवश्यक नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए।