बैठक के दौरान डॉ. रावत ने केंद्रीय मंत्री को राज्य में टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत की जा रही गतिविधियों और प्राप्त उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 100 दिवसीय तीव्र टीबी उन्मूलन अभियान को जनभागीदारी के साथ लागू किया गया है, विशेषकर आदिवासी और उच्च-प्रभावित क्षेत्रों में लक्ष्य आधारित कार्यवाही की जा रही है। डॉ. रावत ने राज्य में PM-ABHIM के अंतर्गत चल रही योजनाओं की प्रगति से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अवसंरचना के सुदृढ़ीकरण, स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के उन्नयन, रोग निगरानी प्रणाली के विस्तार और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण पर राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
राज्य मंत्री ने खसरा और रूबेला उन्मूलन की दिशा में की गई प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण अभियानों, बेहतर केस ट्रैकिंग, और विभिन्न विभागों के समन्वय से उत्तराखंड इस राष्ट्रीय लक्ष्य की ओर तेज़ी से अग्रसर है। कोरोना संक्रमण की संभावित चुनौतियों को देखते हुए डॉ. रावत ने राज्य की तैयारियों की भी जानकारी दी, जिसमें ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली की मजबूती, आवश्यक दवाओं का भंडारण और स्वास्थ्यकर्मियों का नियमित प्रशिक्षण शामिल है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यों द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जनभागीदारी, नियमित राज्य स्तरीय समीक्षा, अभियान की पुनः रणनीति, अधिक NAAT जांच और पोषण योजनाओं के व्यापक क्रियान्वयन पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि टीबी की दर को प्रति लाख जनसंख्या पर 47 से नीचे और मृत्यु दर को 3 से नीचे लाने के लिए प्रारंभिक और समग्र परीक्षण आवश्यक है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा की और स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर प्रगति बनाए रखने का आह्वान किया।