- पहले दिन नेत्रहीनों के लिए हुई दृश्यम 2 की स्पेशल स्क्रीनिंग
- 8वां देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस बार आयोजित हो रहा उत्तराखंड टैलेंट हंट एवं आंगन बाजार एग्जिबिशन
देहरादून। उत्तराखंड का एकमात्र सबसे बड़ा आयोजन 8वां देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आगाज को सिल्वर सिटी राजपुर रोड एवं तुलास इंस्टीट्यूट में हुआ, जिसका शुभारम्भ हरिद्वार बायपास स्थित एक होटल में किया गया। पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी कई सितारों , फ़िल्म डायरेक्टर, सिंगर आदि से उत्तराखंड की जनता रूबरू हुई। वही फिल्म फेस्टिवल के साथ-साथ उत्तराखंड टैलेंट हंट एवं आंगन बाजार एग्जिबिशन का आयोजन भी किया जा रहा है।
फेस्टिवल डायरेक्टर राजेश शर्मा ने जानकारी देते हुए देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आयोजक ने बताया कि इसमें दो ग्रुप रखे गए हैं 8 से 15 साल वह 16 साल से ऊपर जिसमें प्रतिभागी अपनी कला जैसे कि डांस एक्टिंग पोएट्री मिमिक्री सिंगिंग आदि का प्रदर्शन जजेस के समक्ष करेंगे और अंतिम फैसला जजेस का ही रहेगा जीतने वाले प्रतिभागियों को अवार्ड व सर्टिफिकेट तो दिया ही जाएगा साथ ही वोकल म्यूजिक और देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आने वाले प्रोजेक्ट में भी मौका मिलेगा। राजेश शर्मा ने बताया कि यह उत्तराखंड के युवाओं के लिए बहुत ही सुनहरा अवसर है कि वह अपनी कला का प्रदर्शन करें और उनको साथ ही साथ ऐसे कलाकारों से मिलने का मौका मिलेगा जिनके साथ वे उनके अनुभव साझा कर सकते हैं राजेश जी ने बताया कि पिछले 8 वर्षों से देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होता आ रहा है और कितने ही नए-नए डायरेक्टर प्रोड्यूसरस को एक प्लेटफार्म देने की कोशिश की गई है ।
उत्तराखंड से भी कई ऐसे डायरेक्टर प्रोड्यूसर निकल कर आए हैं जो आज नेशनल लेवल पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। अब उत्तराखंड टैलेंट हंट के माध्यम से युवाओं को अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देने का यह एक प्रयास और किया जा रहा है।
राजेश शर्मा ने बताया की फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन नेत्रहीनों के लिए एक स्पेशल स्क्रीनिंग करवाई जा रही है जिसमे दृश्यम 2 दिखाई गई।
शुभारम्भ के मौके पर पहले दिन बॉलीवुड के कई प्रसिद्ध एक्टर बॉलीवुड एक्टर वरुण बडोला, चित्रांशी रावत, प्रमोद सिंह रावत, हिमानी शिवपुरी, सीरियल चाणक्य में चाणक्य और अभी हाल ही में रिलीज़ हुई ग़दर- 2 मे अपनी अदायगी का लोहा मनवाने वाले मनीष वाधवा ने अपने अनुभव साझा किए