सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को सैनिक कल्याण निदेशालय में सैन्यधाम के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों से सैन्यधाम के निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। बैठक में मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए सैन्य धाम के निर्माण कार्य को हर हाल में तय समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण किया जाए। मंत्री ने कार्यदायी संस्था को दिन रात कार्य करने और निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रही सामग्री में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के भी अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में उपनल के कार्यालय के शिफ्टिंग को लेकर भी चर्चा की गई। मंत्री ने उपनल के कार्यालय के शिफ्ट करने के लिए अधिकारियों को शीघ्र जमीन तलाशने के भी निर्देश दिए।
सैनिक कल्याण मंत्री ने बैठक में आगामी 03 जुलाई को सैन्यधाम में प्रदेश के 1734 शहीदों के आगन की पवित्र मिट्टी से राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वीर नारियों द्वारा अमर ज्योति जवान के निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को कार्यक्रम की सभी तैयारियां समय पर पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। मंत्री ने सैन्य धाम में भूमि से संबंधित विसंगतियों को शीघ्र दूर करने के भी निर्देश दिए, इस बाबत उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा पूरे देश के विभिन्न स्मारकों का अध्ययन करने के बाद सैन्य धाम का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के स्वरूप उत्तराखंड में सैन्य धाम निर्माण हो रहा है। मंत्री ने कहा यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट भी है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सैन्य धाम में विशेष रुचि है। मंत्री ने कहा भारतीय सेना में जिन दो सैनिकों की पूजा होती है, बाबा हरभजन सिंह और बाबा जसवंत सिंह उनके मंदिर सैन्य धाम में बनाए जा रहे हैं। इसी प्रकार सैन्य धाम का मुख्य गेट देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से बनाया जा रहा है। मंत्री जोशी ने भरोसा जताते हुए कहा कि सैन्य धाम के बनने के बाद जिस प्रकार चारों धामों के दर्शन करने लोग आते हैं। ठीक उसी प्रकार से ने सैन्यधाम को देखने लोग यहां आएंगे। इस भावना के साथ सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है।