कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने चीड़बाग, शौर्य स्थल स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने कारगिल विजय के दौरान अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों को नमन करते हुए उनके बलिदान को याद किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कारगिल में हमारे वीर जवानों ने विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी अपने शौर्य व पराक्रम से दुश्मनों को परास्त कर जो विजय हासिल की थी वह ऐतिहासिक थी। राज्यपाल ने कहा कि उन बहादुर जांबाजों के शौर्य, पराक्रम और देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठा की कहानियां प्रत्येक देशवासी को याद रखनी चाहिए। कारगिल युद्ध में हमारे वीर सैनिकों ने देश की आन, बान और शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जिसे हमें कभी भुलाना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि कारगिल में हमारे 527 जांबाज सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, जिसमें देवभूमि उत्तराखण्ड के 75 जवान शामिल थे, आज उन्हें याद करने का दिन है। राज्यपाल ने कहा कि इस विजय में देवभूमि उत्तराखण्ड के सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी व शौर्य का परचम लहराया। कारगिल के वीर जवानों की वीर गाथा हम सभी को राष्ट्र प्रेम व देश भक्ति की प्रेरणा देती है।
राज्यपाल ने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि वीर जवानों के परिवारों, वीरांगनाओं और युद्ध में घायल हुए जवानों की हर संभव मदद करें, यही उन शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने शौर्य स्थल में पूर्व सैनिक और वीरांगनाओं से भी मुलाकात की। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्री, डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर अनिरबान दत्ता सहित उत्तराखण्ड सब एरिया के अधिकारीगण, पूर्व सैनिक और वीर नारियां उपस्थित रहीं।