कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा कनक चौक स्थित पार्क को देश के प्रथम चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ स्वर्गीय बिपिन सिंह रावत की स्मृति में उनकी 9 फ़ीट बड़ी प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुँचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिए प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सीडीएस रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को अपूरणीय क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निःस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड के गौरव और देश के प्रथम चीफ़ ऑफ डिफेन्स स्टॉफ (सीडीएस) जनरल स्व.बिपिन रावत को नमन करते हुए उन्होंने जनरल बिपिन रावत से जुड़े संस्मरणों का जिक्र करते हुए कहा कि उनसे जब भी बात-मुलाकात हुई वह हमेशा राज्य के आर्थिक व सामाजिक विकास को लेकर चर्चा व मार्गदर्शन करते रहते थे । मंत्री जोशी ने जनरल बिपिन रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने मेरे अनुरोध को स्वीकारते हुए उत्तराखण्ड के युवाओं को सेना भर्ती के लिए लम्बाई में छूट देते हुए 167 सेमी से 162 सेमी किया था। मंत्री जोशी ने कहा उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। यहाँ के लगभग हर परिवार से एक व्यक्ति सेना में भर्ती होकर देश सेवा कर रहा है। उत्तराखण्ड के सपूतों ने जाँबाज सैनिकों के रूप में देश में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में एक लोकप्रिय पहचान बनाई है।
कबीना मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके निर्देशन में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा इस भव्य स्मारक और प्रतिमा का निर्माण करवाया गया है। मंत्री गणेश जोशी ने इसके लिए एमडीडीए और सैनिक कल्याण के अधिकारियों को बधाई भी दी।
उन्होंने कहा हमारी सरकार की हमेशा यह कोशिश रही है कि पूर्व सैनिकों और सैनिक विधवाओं की समस्याओं के निराकरण को प्राथमिकता दी जाय। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा देश के पहले सी.डी.एस के तौर पर सीमाओं की सुरक्षा के लिए जनरल बिपिन रावत द्वारा लिए गए साहसी फैसलों और सशस्त्र बलों के मनोबल को हमेशा ऊंचा रखने में उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।