सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि वह मेरे पारिवारिक मित्र थे और हम दोनों एक ही पल्टन में सिक्किम इत्यादि स्थानों पर एक साथ तैनात रहे। उन्होंने कहा कि शहीद फुटबाल का अच्छे खिलाड़ी थे। मंत्री ने कहा कि शहीद की याद में प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम आयोजित किया जाऐगा। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि शहीदों के सम्मान में सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है। जहां देश के लिए अपना बलिदान देने वाले वीर सैनिकों का नाम अंकित किया जाएगा। केन्द्र में मोदी सरकार और प्रदेश में धामी सरकार द्वारा सैनिकों के सम्मान एवं कल्याण में कई प्रभावशाली कदम उठाए गए।
विदित हो कि अक्टूबर 1988 में सियाचिन ग्लेशियर में ‘‘ऑपरेशन मेघदूत‘‘ चलाया गया था, जिसमें हमारे जांबाज सैनिक नरेश उनियाल 17 अक्टूबर, 1988 को शहीद हो गए थे और उन्हीं की स्मृति में गुजराड़ा जनकल्याण समिति द्वारा इस भव्य शहीद स्मृति द्वार का निर्माण किया गया है। जब नरेश उनियाल शहीद हुए थे, तब वे अपने पीछे तीन भाईयों, पत्नी एवं अपनी एक माह की पुत्री को छोड़ गए थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और शहीद नरेश उनियाल ने एक साथ सेना में देशसेवा की और आज उनके साथी राईफलमैन गणेश जोशी, जो वर्तमान में सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री हैं, वह अपने साथी राईफलमैन शहीद नरेश उनियाल की स्मृति में निर्मित शहीद द्वार का उद्घाटन कर रहे हैं।