चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने देशवासियों को बधाई दी है।
महारा ने कहा कि यह गौरवान्वित करना वाला क्षण है, इस ऐतिहासिक पल की सभी देशवासियों और इसरो के वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई।
माहरा ने कहा कि चांद पर कामयाब लैंडिग करने वाला भारत चौथा देश बना है ।इस कामयाबी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में मिशन लैंड कराने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही ऐसा कर सके हैं।
स्वतंत्रता संग्राम के बाद विकसित भारत और इसरो के संस्थापक के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जो सपना देखा था वह आज साकार होता हुआ दिख रहा है।
पंडित नेहरू की दूरदृष्टि से अगस्त 1962 में होमी भाभा और विक्रम साराभाई द्वारा INCOSPAR यानी इंडियन नेशनल कमेटी ऑन स्पेस रिसर्च की स्थापना की गई, जिसको कि अगस्त 1969 में विक्रम साराभाई जो हमेशा अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान को विकास के दृष्टिकोण से देखा करते थे उन्होंने पंडित नेहरू के मार्गदर्शन से ISRO की स्थापना की और वर्ष 1972 के बाद से हमारे वैज्ञानिकों ने परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम और अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों के नए आयाम स्थापित किए।
आज इसरो की इस बड़ी उपलब्धि से सभी देशवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं जिसका पूरा श्रेय इसरो के वैज्ञानिकों को जाता है यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है जो कि हमें आने वाले समय में और बड़ी उपलब्धियां स्थापित करने में प्रेरणा स्रोत बनेगा।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि कि भारत के वैज्ञानिकों एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू की दूर दृष्टि के कारण ही आज भारत नए आयाम स्थापित कर रहा है, सभी देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
उत्तराखंड कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता गरिमा दासौनी ने कहा कि 1962 में कांग्रेस ने अंतरिक्ष अनुसंधान की जो शुरुआत की उसके सपने आज साकार होते हुए दिख रहे हैं ।
दसौनी ने कहा की निश्चित ही अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत विश्व में एक अग्रणी भूमिका निभाएगा ऐसा विश्वास है ।
चंद्रयान 3 के चंद्रमा की सतह पर सफल लॉन्च पर सभी प्रदेशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं, साथ ही पीसीसी अध्यक्ष के सलाहकार अमरजीत सिंह तथा कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने भी इस अवसर पर समस्त देशवासियों को बधाइयां दी और कहा कि यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक एवं गौरवान्वित करने वाला क्षण है। इस ऐतिहासिक दिन को यादगार पलों के रूप में मनाया जाना चाहिए