भाजपा ने कांग्रेस के जातीय जनगणना को दिये जा रहे समर्थन को बहुसंख्यक समाज को बांटने की कोशिश करार दिया है । पार्टी ने इसे कांग्रेस आलाकमान की शह पर क्षेत्रीय कांग्रेस नेताओं पर चुनावी लाभ के लिए देवभूमि में जातीय वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया ।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि आजादी से लेकर यूपीए 2 तक इसका विरोध करने वाली कांग्रेस अब देश में जातीय संघर्ष की कीमत पर समर्थन कर रही है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबसे अधिक समय सत्ता में रही, लेकिन कभी जाति जनगणना नही करवाई। जिस ओबीसी समाज के नाम पर कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है वहीं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने मंडल कमीशन के तहत पिछड़े वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था। भाजपा सरकार ने ओबीसी एवं जनजाति आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। सबसे अधिक ओबीसी सांसद और मंत्री भाजपा के हैं । इसके अतिरिक्त हाल में लागू विश्वकर्मा योजना से ओबीसी समाज के 80 फीसदी लोग इस परिधि मे आने वाले है जिनमे लगभग दो लाख तो पंजीकरण करवा भी चुके हैं । लेकिन विपक्ष को विकास के मुद्दे पर आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित दिखाई दे रही है, इसलिए देश को जाति आधार पर बांटने का अपना आखिरी दांव खेल रहे हैं ।
कांग्रेस द्वारा सत्ता में आने पर प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की घोषणा पर कटाक्ष करते हुए कहा, सर्वप्रथम उन्हे समझना चाहिए कि इस तरह की जनगणना का अधिकार केवल केंद्र को है राज्य को नही । जबकि बिहार की जिस प्रक्रिया का वह हवाला दे रहे हैं वह जातीय सर्वे है, जिसे जातीय जनगणना बताकर प्रचारित किया जा रहा है । उत्तराखंड की जनता हमेशा इस तरह तरह के जातीय विभेद की विरोधी रही है । लिहाजा स्थानीय कांग्रेस नेता की अपने आलाकमान की शह पर इस तरह के अनर्गल और भ्रामक बयानबाजियों का प्रदेश की जनता माकूल जवाब देगी । कांग्रेस नेता 2021 में जनगणना नही कराने के झूठे आरोप लगा रही है जबकि सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी के कारण इस प्रक्रिया में विलम्ब हुआ है । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक बार फिर स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस को न विकास से सरोकार हैं न जनकल्याणकारी योजनाओं से मतलब है उनकी एक ही नीति है अल्पसंख्यक का तुष्टिकरण और दूसरा बहुसंख्यक का बंटवारा । लेकिन देवभूमि की राष्ट्रवादी जनता, समाज और देश के विघटन करने वाली इन साजिशों से वाकिफ है । लिहाजा लोकसभा चुनावों में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को नकारने जा रही है ।