अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड द्वारा अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों की विभिन्न लंबित माँगों को लेकर घोषित आंदोलन के प्रथम चरण मे धरना प्रदर्शन प्रान्तीय अध्यक्ष संजय बिजल्वाण की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
धरने को संबोधित करते हुए संघ के प्रान्तीय सरंक्षक एवँ पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष प्रदीप डबराल एवँ जय प्रकाश बहुगुणा जी ने कहा कि सरकार एवँ विभाग अशासकीय विद्यालयों की उपेक्षा कर रही है जिस कारण संगठन को मजबूर होकर आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष संजय बिजल्वाण एवँ प्रांतीय महामंत्री महादेव मैठाणी ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों एवँ शिक्षक कर्मचारियों के साथ विभाग एवँ सरकार लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है इस सम्बंध में कई बार माँग पत्र भी निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवँ निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा को सौंपे गए हैं लेकिन आज तक उन पर कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हो पाई है वर्षों से हो रही जी पी एफ कटौती को बंद कर एन पी एस कटौती के तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं वर्षों पुरानी,तदर्थ की सेवाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है , तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण के प्रकरण वर्षों से लंबित पड़े हुए हैं।वर्षों से मानदेय में कार्यरत शिक्षकों को तदर्थ किए जाने की प्रक्रिया में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद वित्त विहीन सेवाओं को जोड़कर जी पी एफ कटौती प्रारम्भ नहीं की जा रही है और प्रत्येक शिक्षक कर्मचारियों को चयन एवँ प्रोन्नत वेतनमान के लिए न्यायालय की शरण मे जाना पड़ रहा है जनपद टिहरी गढ़वाल एवँ रुद्र प्रयाग में अनावश्यक रूप से विगत 6 महीनों से शिक्षकों का वेतन रोका गया है उन्हें पुरानी पेंशन छोड़कर नई पेंशन योजना हेतु मजबूर किया जा रहा है अधिकांश प्रकरण शासन एवँ विभाग की उदासीनता के कारण न्यायालय से निस्तारित हो रहे हैं 1 अक्टूबर 2005 से पूर्व की विज्ञप्ति से नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है 2014 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों की सामूहिक वीमा कटौती शुरू नहीं हो पाई है राजकीय विद्यालयों में प्रधानाचार्यो की सीधी भर्ती में अशासकीय शिक्षकों को सम्मिलित नहीं किया जा रहा है अशासकीय विद्यालयों को समग्र शिक्षा के लाभ वांछित किया जा रहा है अशासकीय विद्यालयों के छात्र छात्राओ को ड्रेस, टेबलेट, शिक्षण सामग्री आदि की सुविधाएं नहीं दी जा रही है डाउन ग्रेड में कार्य कर रहे प्रभारी प्रधानाचार्यो को डाउन ग्रैड प्रधानाचार्यों बनाया जाय तथा डाउन ग्रेड में कार्य कर रहे प्रधानाचार्यों को 5 साल के स्थान पर ढाई साल में पूर्ण स्केल दिया जाना चाहिए जो कि अभी तक नही दिया जा रहा है इसी तरह से दस हजार मानदेय प्राप्त शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया जाय।
अन्य भी कई मांगे वर्षों से लंबित पड़ी हैं। मानदेय से वंचित शिक्षकों को मानदेय की परिधि में लाया जाय।इस सम्बंध में एक माँग पत्र महानिदेशक शिक्षा ,निदेशक माध्यमिक एवँ प्रारंभिक शिक्षा को सौंपा गया था तथा चेतावनी भी दी गई थी कि मांगे यथा समय पूर्ण न होने पर संगठन धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होगा । इसी क्रम में संगठन ने मजबूर होकर आज 24 जून 2024 को महा निदेशालय में धरना प्रदर्शन के साथ ही आंदोलन का निर्णय ले लिया है। यदि सरकार एवँ विभाग ने अभी भी मांगे नहीं मानी तो इस आंदोलन को भविष्य में बढ़ाया जाएगा। इस बीच महानिदेशक शिक्षा द्वारा आंदोलनरत शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता हेतु अपने कार्यालय में आमंत्रित किया तथा विन्दुवार शिक्षकों की मांगें सुनीं । मांगों को विस्तारपूर्वक सुनने के पश्चात अधिकांश मांगो पर अपनी सहमति व्यक्त की तथा सँयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री पदमेंद्र सकलानी जी को संगठन के पदाधिकारियों से विस्तारपूर्वक वार्ता कर समाधान करने के लिए निर्देशित किया।